Soch Samajh Kar Ijazat Do : Lok-Katha (Switzerland)

Switzerland Folktales in Hindi – स्विट्ज़रलैंड की लोक-कथा

सोच समझ कर इजाज़त दो : स्विट्ज़रलैंड की लोक-कथा
एक किसान ने दूध से भरा जग अपने पड़ोसी को कुछ देर के लिए सहेजकर रखने के लिए दिया। जब वह अपना जग वापस मांगने के लिए गया तो पड़ोसी ने उससे कहा कि दूध मक्खियाँ पी गईं।

इस बात पर दोनों का झगड़ा हो गया। बात बहुत बढ़ गई तो वे दोनों अदालत गए और वहां पर न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया कि पड़ोसी को दूध का हर्जाना भरना पड़ेगा।

“लेकिन मैंने दूध नहीं पिया, दूध तो मक्खियों ने पी लिया!” – पडोसी बोला।
“तुम्हें मक्खियों को मार देना चाहिए था” – न्यायाधीश ने कहा।
“अच्छा” – पडोसी बोला – “आप मुझे मक्खियों को मारने की इजाज़त देते हैं?”
“मैं इजाज़त देता हूँ” – न्यायाधीश ने कहा – “तुम उन्हें जहाँ भी देखो, उन्हें मार डालो।”

उसी समय एक मक्खी उड़ती हुई आई और न्यायाधीश के गाल पर बैठ गई। पड़ोसी ने यह देखा तो पलक झपकते ही न्यायाधीश के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ जमा दिया। मक्खी मरकर नीचे गिर गई और न्यायाधीश तिलमिला गया।

इससे पहले कि न्यायाधीश कुछ कहता, पड़ोसी चिल्लाकर बोला – “मैंने पहचान लिया! इसी मक्खी ने सारा दूध पी लिया था!”

कुछ क्षणों पहले ही न्यायाधीश ने पड़ोसी को मक्खी मारने के लिए अनुमति दी थी इसलिए अब वह कुछ नहीं कर सकता था।

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