Category: Sinhasan Battisi
सिंहासन बत्तीसी ३२ कथाओं का संग्रह है जिसमें ३२ पुतलियाँ महाराजा विक्रमादित्य के विभिन्न गुणों का कहानी के रूप में वर्णन करती हैं। प्रत्येक कथा राजा भोज का उल्लेख करती है, अत: इसका रचना काल ११वीं शताब्दी के बाद होगा। ये कथाएँ इतनी लोकप्रिय हैं कि कई संकलनकर्त्ताओं ने इन्हें अपनी-अपनी तरह से प्रस्तुत किया है। सभी संकलनों में पुतलियों के नाम दिए गए हैं पर हर संकलन में कथाओं के क्रम में तथा नामों में और उनके क्रम में भिन्नता पाई जाती है। इन कथाओं से हमें ज्ञात होता है कि महाराजा विक्रमादित्य कौन थे, उनके न्याय करने का ढंग कैसा था? आखिर क्या कारण था कि वह महादानी, त्यागी, नि:स्वार्थी और न्यायप्रिय राजा के नाम से हजारों वर्षो बाद आज भी लोकप्रिय हैं।