सोन-मछली
Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ
हम निहारते रूप,
काँच के पीछे
हाँफ रही है मछली।
रूप-तृषा भी
(और काँच के पीछे)
है जिजीविषा।
Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ
हम निहारते रूप,
काँच के पीछे
हाँफ रही है मछली।
रूप-तृषा भी
(और काँच के पीछे)
है जिजीविषा।