राह बदलती नही
Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ
राह बदलती नहीं- प्यार ही सहसा मर जाता है,
संगी बुरे नहीं तुम- यदि नि:संग हमारा नाता है।
स्वयंसिद्ध है बिछी हुई यह जीवन की हरियाली-
जब तक हम मत बुझें सोच कर- ‘वह पड़ाव आता है!’
Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ
राह बदलती नहीं- प्यार ही सहसा मर जाता है,
संगी बुरे नहीं तुम- यदि नि:संग हमारा नाता है।
स्वयंसिद्ध है बिछी हुई यह जीवन की हरियाली-
जब तक हम मत बुझें सोच कर- ‘वह पड़ाव आता है!’