मैं देख रहा हूँ
Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ
मैं देख रहा हूँ
झरी फूल से पँखुरी
-मैं देख रहा हूँ अपने को ही झरते।
मैं चुप हूँ :
वह मेरे भीतर वसंत गाता है।
Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ
मैं देख रहा हूँ
झरी फूल से पँखुरी
-मैं देख रहा हूँ अपने को ही झरते।
मैं चुप हूँ :
वह मेरे भीतर वसंत गाता है।