छंद है यह फूल
Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ
छंद है यह फूल, पत्ती प्रास।
सभी कुछ में है नियम की साँस।
कौन-सा वह अर्थ जिसकी अलंकृति कर नहीं सकती
यही पैरों तले की घास?
समर्पण लय, कर्म है संगीत,
टेक करुणा-सजग मानव-प्रीति।
यति न खोजो-अहं ही यति है! -स्वयं रणरणित होते रहो, मेरे मीत!