चुक गया दिन

Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ

‘चुक गया दिन’- एक लंबी साँस
उठी, बनने मूक आशीर्वाद-
सामने था आद्र्र तारा नील,
उमड़ आयी असह तेरी याद!
हाय, यह प्रतिदिन पराजय दिन छिपे के बाद!

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