ऊँट का बदला
एक ऊँट और एक सियार बहुत पक्के दोस्त थे। एक दिन, वे एक खेत में तरबूज खाने गए। भरपेट तरबूज खाने के बाद सियार हुआ-हुआ चिल्लाने लगा।
अरे, चित्लाओ मत, तुम्हारा वित्लाना सुनकर किसान आ जाएगा!” ऊँट ने उसे समझाया। “गाना गाए बगैर मेरा खाना नहीं पचता, सियार ने जवाब दिया।
जल्द ही किसान वहाँ आ गया। किसान को आते देख, सियार तो भाग लिया लेकिन किसान ने ऊँट की लाठियों से जमकर पिटाई की। एक दिन, ऊँट ने सियार से कहा,
“चलो नदी में तेरते हैं। मैं बोलूंगा और तुम मेरी पीठ पर बैठे रहना।” सियार तैयार हो गया। ऊँट सियार को पीठ पर बैठाए हुए गहरे पानी में पहुंचा, तो डुबकी लगाने लगा।
सियार चिल्लाने लगा, “अरे, ये क्या कर रहे हो ? मैं डूब जाऊँगा।” “लेकिन मैं तो पानी में जाकर उसको लगाता ही हूँ। मेरी सेहत के लिए यह बहुत अच्छा होता है.”
ऊँट बोला और सियार को मझधार में छोड़, गहरे पानी में डुबकी लगाने लगा।