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Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ
आँख ने देखा पर वाणी ने बखाना नहीं।
भावना ने छुआ पर मन ने पहचाना नहीं।
राह मैंने बहुत दिन देखी, तुम उस पर से आए भी, गए भी,
-कदाचित्, कई बार-
पर हुआ घर आना नहीं।
Anonymous Poems in Hindi – अज्ञेय रचना संचयन कविताएँ
आँख ने देखा पर वाणी ने बखाना नहीं।
भावना ने छुआ पर मन ने पहचाना नहीं।
राह मैंने बहुत दिन देखी, तुम उस पर से आए भी, गए भी,
-कदाचित्, कई बार-
पर हुआ घर आना नहीं।